Friday, October 7, 2011

तेरे चले जाने के बाद!!

टीसता है ज़ख़्म अक्सर खून रुक जाने के बाद,

कितने घायल हो गये लोग मुस्कुराने के बाद!!
 
ज़िंदगी उनको कहाँ मुश्किल लगी थी इस कदर,
जो परेशान हो गये इंसान कहलाने के बाद,

यू तो पहले भी सभी नादान कहते थे हमको,
और ज़्यादा हो गये कुछ तेरे समझने के बाद.

बस इसी डर से नही तय कर सके हम फ़ासले,
बढ़ ना जाए दूरियाँ, ज़्यादा करीब आने के बाद,

आई है बेनसिबिया मुझमे कुछ इस तरह,
तूफान मैं है किश्ती मेरी साहिल से दूर जाने के बाद.

मंज़िल तक साथ जाए वो हम-राह नही है अब,
गिरने से पहले कौन थामेगा, तेरे चले जाने के बाद.

बन कर रह-नुमा दे गयी दगा,
बन कर वीरना रह गया मैं,तेरे चले जाने के बाद.
उजाले तेरी यादो के हमारे पास है लेकिन,
लगता नही दिल गुलशन मैं, तेरे चले जाने के बाद!!!