ज़िंदगी एक उड़ती हुई चिड़िया का नाम है||||
पल दो पल ज़िंदगी मज़ा उठाने का नाम है|
जवानी के जोश मे आगे बढ़ते चले जाओ |
गम मे डूबकर जवानी को गमगीन ना बनाओ|
इन्सानो मे भेदभाव लिए बीच मे आती झूठी शान है|
ज़िंदगी एक उड़ती हुई चिड़िया का नाम है||||
थका हुआ पंछी ढूढ़ता है आरामगाह जिस तरह|
ढलती उम्र जीवन का सहारा ढूढ़ती है उसी तरह|
उम्र ढल जाने पर ज़िंदगी को धोखा देकर निकल जाते प्राण है||||
ज़िंदगी एक उड़ती हुई चिड़िया का नाम है||||
A Tribute to my sweet Mother, for her loveable & unforgettable memories.
Rgds,
Rajender Chauhan
http://rajenderblog.blogspot.com
Sunday, December 27, 2009
Tuesday, December 1, 2009
बेवफ़ा -II
याद तेरी आई मैं, रोते-रोते सो गया|
आने का वादा किया था, वादे का क्या हो गया|
हमने सोचा था कि अब तो मंज़िल हमारी आ गयी|
जब आँख खुली तो देखा, रास्ता भी खो गया|
अब गिला किसका करे, जब हो गयी हमसे खता|
जो हमारा ना हुआ क्यों, दिल उसी का हो गया|
और क्या बताउ, हाल कल की रात का|
हो गयी थी सुर्ख आँखे, तकिया गीला हो गया||||||
Rgds,
Rajender Chauhan
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आने का वादा किया था, वादे का क्या हो गया|
हमने सोचा था कि अब तो मंज़िल हमारी आ गयी|
जब आँख खुली तो देखा, रास्ता भी खो गया|
अब गिला किसका करे, जब हो गयी हमसे खता|
जो हमारा ना हुआ क्यों, दिल उसी का हो गया|
और क्या बताउ, हाल कल की रात का|
हो गयी थी सुर्ख आँखे, तकिया गीला हो गया||||||
Rgds,
Rajender Chauhan
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