अपनी आँखो मे मोहबत के चिराग जलाए रखना,
गम के काँटों मे उमीद के गुल सजाए रखना,
गुजर जाएगा ये वक़्त भी, दिल मैं,
होसला और सब्र बनाए रखना,
मेरा वजूद तुझ से जुदा है कहाँ,
जब भी पाना चाहो मुझे, आईना रु-ब-रु रखना,
ज़िंदा रहना भी एक इबादत है,
ज़िंदा रहने की आरज़ू रखना!!!
गम के काँटों मे उमीद के गुल सजाए रखना,
गुजर जाएगा ये वक़्त भी, दिल मैं,
होसला और सब्र बनाए रखना,
मेरा वजूद तुझ से जुदा है कहाँ,
जब भी पाना चाहो मुझे, आईना रु-ब-रु रखना,
ज़िंदा रहना भी एक इबादत है,
ज़िंदा रहने की आरज़ू रखना!!!
soke didar hai to nager jamaye rakh
ReplyDeletedupatta ho ya achal sarakta jarur hai